Friday, July 10, 2020

कोई मत छेड़ो रे Koi Mat Chedo Re by Prahlad Singh Ji Tipaniya

कोई मत छेड़ो रे - प्रह्लाद सिंह जी टिपानिया भजन
Koi Mat Chedo Re  by Prahlad Singh ji Tipaniya



पुज्यवर गुरुदेव जी आसन पर विराजमान हो चुके हैं।



वैसे जब गुरु जी यहां बैठ जाते हैं तो हमारा डर खत्म हो जाता है

यह निश्चित है क्योंकि जब गुरुदेव का हाथ ऊपर रहता है तो किसी बात का डर नहीं रहता
और दूसरी बात यह है कि आप और हम सब गुरुदेव के चरणों में है ही
आपका आशीर्वाद आप और हम सब के ऊपर है तो फिर डर किस बात का
और वह डर इसलिए नहीं होगा क्योंकि गुरु जी ने आप और हम सब के बर्तनों को चकाचक कर दिया है इन 5 दिनों में
और ऐसे साफ कर दिए हैं की उसमें आप छाछ रखो या कुछ और रखो तो अब वह बर्तन खराब नहीं होंगे।
तो सदगुरु वह है जो आप और हम सब के बर्तनों को झालने का काम करते हैं चकाचक करने का काम करते हैं।
तो मैं आपको हमारे यहां की एक वास्तविक घटना बता रहा था
कि एक बार बर्तन झालने वाले आए और दो-तीन लोग थे वो पहले तो वह गांव में घूमे कि बर्तन साफ करवा लो बर्तन साफ करवा लो तो गांव की महिलाएं पीतल के बर्तन जो खराब हो जाते हैं वह लेकर आई कोई दो बर्तन लेकर आए कोई तीन बर्तन लेकर आए इस तरह से उनके पास एक थैला भर गया और वह ले गए और बोले कि 1 सप्ताह लगेगा तो गांव की महिलाएं बोली ठीक है भैया ले आना और वो लोग अगले शुक्रवार को आ गए और सभी के बर्तन दे दिए,
वह लोग बर्तन ऐसे झालकर लाए कि बिल्कुल चकाचक कर दिए
हमारे घर से भी एक तपेली दी थी तो घर वालों ने बताया कि देखो कैसी झाली तो मैंने कहा बहुत सुंदर है
तो बाद में कुछ बहने रह गई थी तो उन्होंने उन भैया से कहा कि भैया हमारे बर्तन तो कुछ रहे गए हैं तो उन लोगों ने कहा कि हमारा तो यही काम है बर्तन झालने का, आप लोग भी ले आना आपके बर्तन तो हमारी माता है बहनों ने उस दिन इतने बर्तन इकट्ठे करे कि एक मेटाडोर भर गई, तो उन लोगों ने कहा कि देखिए बर्तन बहुत सारे हैं तो हम इस शुक्रवार को नहीं अगले शुक्रवार को अर्थात 15 दिन में आएंगे क्योंकि इतने बर्तन झालने में समय लगेगा,  तो माता बहना है बोली ठीक है
और वह बर्तन जो एक मेटाडोर भर कर ले गए वह आज तक आए ही नहीं



तो कम से कम ऐसे सतगुरु के सानिध्य में रहकर हम अपने मन रूपी बर्तन को चकाचक कर ले।

जब गुरुजी इस मन रूपी बर्तन को चकाचक कर दें तो किसी बात का डर नहीं रहता।
और यह तब होगा जब हम ऐसे नाम के दीवाने बन जाए।



कोई मत छेड़ो रे- गायक-प्रह्लाद सिंह जी टिपानिया भजन



हृदय माही आरसी, और मुख देखा नहीं जाए।

मुख तो तब ही देखिए, जब दिल की दुविधा जाए।।



मैं मरजीवा समुद्र का, ओर डुबकी मारी एक।

मुट्ठी लाया ज्ञान की, ता में वस्तु अनेक।।



नाम लिया तो सब लिया सब शास्त्रन को भेद।

बिना नाम नर्क में गया, पढ़-पढ़ चारों वेद।।



और जो ऐसे नाम का दीवाना बन जाए वह यही कहेगा कि अब आप दूर रहो मुझे मत छेड़ो।



कोई मत छेड़ो रे, आज मुझे कोई मत छेड़ो रे।



मैं तो दीवाना नाम का, मुझे कोई मत छेड़ो रे।।

मैं तो दीवाना भजन का, मुझे कोई मत छेड़ो रे।।



कोई मत छेड़ो रे, आज मुझे कोई मत छेड़ो रे।

दूर खड़े रहो रे, आज तुम अलग खड़े रहो रे।।



मैं दीवाना नाम का, मुझे कोई मत छेड़ो रे।

मैं तो दीवाना भजन का, मुझे कोई मत छेड़ो रे।।

कोई मत छेड़ो रे, आज मुझे कोई मत छोड़ो रे।
दूर खड़े रो रे, आज तुम दूर खड़े रहो रे।।

सत्य चार शमशेर हाथ में, मार बैठूंगा रे।।

मैं तो दीवाना भजन का, मुझे कोई मत छोड़ो रे।।
मैं तो दीवाना नाम का, मुझे कोई मत छोड़ो रे।।

गुरुजी कहते हैं,

मैंने अपना घर तो झाल लिया, औरों का झालुं रे।
जो कोई आता मुझे ढूंढता, जो कोई आता मुझे ढूंढता,
मैं उसी को तारु रे।।_____(1)

मैं तो दीवाना भजन का, मुझे कोई मत छोड़ो रे।।
मैं तो दीवाना नाम का, मुझे कोई मत छोड़ो रे।।

कोई मत छेड़ो रे, आज मुझे कोई मत छोड़ो रे।
दूर खड़े रो रे, आज तुम दूर खड़े रहो रे।।

मैं तो दीवाना भजन का, मुझे कोई मत छोड़ो रे।।
मैं तो दीवाना नाम का, मुझे कोई मत छोड़ो रे।।

हाथी के इंसाफ से, मैंने शेर को घेरा रे।
हाथी के इंसाफ से, मैंने बाघ को घेरा रे।

इसी को फिरता ढूंढता, मैं इसी को फिरता ढूंढता।
वन-वन पुकारूं रे।।_____(2)



मैं तो दीवाना नाम का, मुझे कोई मत छेड़ो रे।

मैं तो दीवाना भजन का, मुझे कोई मत छेड़ो रे।।

कोई मत छेड़ो रे, आज मुझे कोई मत छोड़ो रे।
दूर खड़े रो रे, आज तुम दूर खड़े रहो रे।।

सत्य चार शमशेर हाथ में, मार बैठूंगा रे।।

मैं तो दीवाना भजन का, मुझे कोई मत छोड़ो रे।।
मैं तो दीवाना नाम का, मुझे कोई मत छोड़ो रे।।



पूरण प्याला प्रेम का, यह अगम से आया रे।

पूरण प्याला प्रेम का, यह अगम से आया रे।



भर पिया कबीर ने, कमाल को पाया रे।।

भर पिया कबीर ने, सतनाम को पाया रे।।_____(3)



मैं तो दीवाना नाम का, मुझे कोई मत छेड़ो रे।

मैं तो दीवाना भजन का, मुझे कोई मत छेड़ो रे।।

कोई मत छेड़ो रे, आज मुझे कोई मत छोड़ो रे।
दूर खड़े रो रे, आज तुम दूर खड़े रहो रे।।

सत्य चार शमशेर हाथ में, मार बैठूंगा रे।।

मैं तो दीवाना भजन का, मुझे कोई मत छोड़ो रे।।
मैं तो दीवाना नाम का, मुझे कोई मत छोड़ो रे।।



Pujyavar Gurudev Ji has been seated on the seat



By the way, when Guru ji sits here, our fear is over.



This is certain because when Gurudev's hand is up, there is no fear of anything



And the other thing is that you and all of us are at the feet of Gurudev



Your blessings are on us and all of us, so what are you afraid of?



And that fear will not happen because Guru ji has dazzled you and all of us in these 5 days.



And you have made it clear that if you keep buttermilk or something in it, then those dishes will not be spoiled.



So Sadhguru is the one who does the work of throwing the utensils of you and all of us in the process of smoothing.



So I was telling you a real incident here



That once the utensils came and there were two or three people, they first went around the village to get the utensils cleaned and get the utensils cleaned, then the women of the village brought the brass utensils that were spoiled, some brought with them Three bags were brought in this way, one bag was filled with him and he took it and said that it will take 1 week, then the women of the village said, bring it right brother and those people came next Friday and gave all the utensils,

Those people brought the utensils in such a way that it was very tasty
A Brass pot was also given from our house, then the people of the house told that look, how did I look so beautiful.
So later something was left flowing, so he said to his brother that brother, our utensils have been some, so those people said that it is our job to throw utensils, you guys also have to bring your utensils, our mother and sisters. Had gathered so many utensils on that day that a matador was full, then those people said, see if there are many utensils, then we will come on this Friday not in the next Friday i.e. in 15 days because it will take time to release so many utensils, then the mother is flowing. Quote ok
And the utensils which were filled with a matador did not come till today.



So, at least by staying in the company of such a Satguru, we should chop our pot of mind.

There is no fear of anything when Guruji chooses this vessel of mind.
And this will happen when we become crazy about such a name.



Don't disturb me

There, and the face is not seen.
Only see when the dilemma of the heart goes.



I plunged one towards the sea, alive.

Fist brought knowledge, many things in Ta.



If you take a name, everyone takes a distinction between all scriptures.

He went to hell without his name, read all four Vedas.



And anyone who becomes crazy about such a name will say that now you stay away, don't tease me.



Nobody teases me, do not tease me today.



I am crazy about you, do not tease me.

I am crazy about hymns, do not tease me.



Nobody teases me, do not tease me today.

Stand far away, today you stand apart.



I am crazy about someone, do not tease me.

I am crazy about hymns, do not tease me.



Nobody teases me, do not leave me today.

Stand far away, today you stand far away.



Satya Char Shamsher in hand, will kill you.



I am crazy about hymns, do not leave me.

I am crazy about you, do not leave me.



Guruji says,



I have clean my house, and I have seen for others.

Whoever comes to find me, whoever comes to find me,
I will overcome them all from bhavasagar._____(1)



I am crazy about someone, do not tease me.

I am crazy about hymns, do not tease me.



Nobody teases me, do not leave me today.

Stand far away, today you stand far away.



I am crazy about hymns, do not leave me.

I am crazy about you, do not leave me.



With the justice of the elephant, I surrounded the lion.

With the justice of the elephant, I surrounded the tiger.



I used to find this wandering, I used to find this.

Call forest to forest._____(2)



I am crazy about someone, do not tease me.

I am crazy about hymns, do not tease me.



Nobody teases me, do not leave me today.

Stand far away, today you stand far away.



Satya Char Shamsher in hand, will kill you.



I am crazy about hymns, do not leave me.

I am crazy about you, do not leave me



"Pooran" cup of love, it came from the fire.

"Pooran" cup of love, it came from the fire.



Kabir drank a lot, he found Kamal.

Kabir drank across, found Satnam._____(3)



I am crazy about someone, do not tease me.

I am crazy about hymns, do not tease me.



Nobody teases me, do not leave me today.

Stand far away, today you stand far away.



Satya Char Shamsher in hand, will kill you.



I am crazy about hymns, do not leave me.

I am crazy about you, do not leave me.

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