Tuesday, June 30, 2020

Har Har Marunga हर हर मारुंगा by Prahlad Singh Ji Tipaniya


हर हर मारुँगा... Har Har Marunga...
गायक-प्रह्लाद सिंह जी टिपानिया
Singer: Prahlad Singh Ji Tipaniya 

गगन मण्डल के बीच में, ओर जहां झलके हे नूर।
नुगरा महल ना पाविया, ओर पहुंचेगा कोई सुर।।
हर हर मारुँगा...

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

अरे भई चोट हे आसमान की
गुरुज्ञान की हरनाम की...

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

अरे भई तत्व की तलवार करलो,
ओर मन की कटार जी...

अरे भई शबदा री ढाल करलो,
ओर गोली गुरु के नाम की।_____(1)

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

अरे भई चोट हे आसमान की
गुरुज्ञान की हरनाम की...

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

अरे भई अर्द्ध में से उर्द्ध निकल्या,
ओर त्रिकुटी बंदूक की...

अरे भई प्रेम का पालिता करलो,
गोली लागी ज्ञान की।_____(2)

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

अरे भई चोट हे आसमान की
गुरुज्ञान की हरनाम की...

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

अरे भई कायागढ़ में फोज लागी,
ओर सुरा दोई आथड़िया...

अरे भई सुरा तो रणखेत रइ गया,
ओर कायर भाग्यो जाए री।_____(3)

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

अरे भई चोट हे आसमान की
गुरुज्ञान की हरनाम की...

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

अरे भई साधु के सन्मुख रहना,
ओर पापी से पग दूर जी...

अरे भई साधु मिल गया सुगढ़ वाला,
पापी प्रलय ले जाए री।_____(4)

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

अरे भई चोट हे आसमान की
गुरुज्ञान की हरनाम की...

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

हाँ कहे कबीर सा सुण ले गोरख,
चाकरी हुजूर की।_____(5)

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

अरे भई चोट हे आसमान की
गुरुज्ञान की हरनाम की...

हर हर मारुँगा निसाण साधु,
चोट है आसमान की...

Sunday, June 28, 2020

Jao Jo Jao Jo Re जाओ जो जाओ जो रे by Prahlad Singh Ji Tipaniya

जाओ जो-जाओ जो रे
भई म्हारा जाओ जो...
JAO JO JAO JO RE 
BHAI MHARA JAO JO...
गायक-प्रह्लाद सिंह जी टिपानिया
SINGER: PRAHLAD SINGH JI TIPANIYA 

जाओ जो-जाओ जो रे
भई म्हारा जाओ जो...

इणा समंदर पार मोतीड़ा लाओ रे
साधो अनबिंदया जी

जाओ जो-जाओ जो रे
भई म्हारा जाओ जो...

इणा समंदर पार मोतीड़ा लाओ रे
साधो अनबिंदया जी

मोती मिल गया रे, हीरा मिल गया
म्हाने लख दोई चार...

मन का मोती रे साधु,
 ना मिलया जी...

मोती मिल गया रे, हीरा मिल गया
म्हाने लख दोई चार...

मन का मोती रे साधु,
 ना मिलया जी...

जाओ जो-जाओ जो रे
भई म्हारा जाओ जो...

इणा समंदर पार मोतीड़ा लाओ रे
साधो अनबिंदया जी

उड़ गई-उड़ गई रे
भई म्हारा उड़ गई... 

इणा मन की चिड़िया अपना 
मंदिरवासा फिर करे जी

उड़ गई-उड़ गई रे
भई म्हारा उड़ गई... 

इणा मन की चिड़िया अपना 
मंदिरवासा फिर करे जी

जाओ जो-जाओ जो रे
भई म्हारा जाओ जो...

इणा समंदर पार मोतीड़ा लाओ रे
साधो अनबिंदया जी

मिल लो-मिल लो रे 
भई म्हारा मिल लो...

कब मिलांगा रे पसार अब का बिछड़्या रे
साधु कब मिला जी

मिल लो-मिल लो रे 
भई म्हारा मिल लो...

कब मिलांगा रे पसार अब का बिछड़्या रे
साधु कब मिला जी

जाओ जो-जाओ जो रे
भई म्हारा जाओ जो...

इणा समंदर पार मोतीड़ा लाओ रे
साधो अनबिंदया जी

फाट्या फाट्या रे भई म्हारा फाट्या...
सूर्या गाय रो दुध

दुध फाट्या से जामण
ना जमे जी

फाट्या फाट्या रे भई म्हारा फाट्या...
सूर्या गाय रो दुध

दुध फाट्या से जामण
ना जमे जी

जाओ जो-जाओ जो रे
भई म्हारा जाओ जो...

इणा समंदर पार मोतीड़ा लाओ रे
साधो अनबिंदया जी

पड़ गई-पड़ गई रे भई म्हारा पड़ गई
थारा मायला में राड़ ...

डोर टूटे से गांठण
ना जुड़े जी

पड़ गई-पड़ गई रे भई म्हारा पड़ गई
थारा मायला में राड़ ...

डोर टूटे से गांठण
ना जुड़े जी

जाओ जो-जाओ जो रे
भई म्हारा जाओ जो...

इणा समंदर पार मोतीड़ा लाओ रे
साधो अनबिंदया जी

बोलया-बोलया रे भई म्हारा बोलया
बोलया धुरू से प्रह्लाद...

भव रे भव का सांचा
सादरा जी

बोलया-बोलया रे भई म्हारा बोलया
बोलया धुरू से प्रह्लाद...

भव रे भव का सांचा
सादरा जी

जाओ जो-जाओ जो रे
भई म्हारा जाओ जो...

इणा समंदर पार मोतीड़ा लाओ रे
साधो अनबिंदया जी

Saturday, June 27, 2020

Guru Ji Bina Koi Kaam Ni Aave गुरु जी बिना कोई काम नी आवे by Prahlad Singh Ji Tipaniya

गुरु जी बिना कोई काम नी आवे
अनुवाद सहित
Guru Ji Bina Koi Kaam Ni Aave 
With Translation
गायक-प्रहलाद सिंह जी टिपानिया भजन
Singer: Prahlad Singh ji Tipaniya 

Nobody is going to work(help)
in this world without a guru.
इस संसार में गुरु के बिना ओर
 कोई काम आने वाला नहीं है।

And who is guru?
Guru is word, Guru is understanding,
 Guru is Guidance.
और गुरु कोन?
गुरु शब्द है, गुरु समझ है,
गुरु मार्गदर्शन है।

Through which humans
Reaches the goal.
जिसके जरिए ईन्सान अपने 
लक्ष्य तक पहुँचता है।

While we, in this world,these external
Many types of physical
and Tied in Mohamaya's bonds.
जबकि हम इस संसार में इन बाहरी,
भौतिक ओर अनेक प्रकार के 
मोहमाया के बंधनों में बंधे हुए हैं।

We have kept them
as our values.
उनको हमने
अपना मान रखा है।

Whereas all these things
will remain here.
Everybody knows.
जबकि ये सब चीजें
यहीं की यहीं रह जाएंगी।
सब जानते हैं।

That is why Sadguru Kabir says…
इसीलिए तो सदगुरू कबीर कहते है...

The moon will go, the sun will go,
the wind will go, the water too.
Say Kabir will not go a Name,
it is an immortal sign..
चंदा जाएगा,सूरज जाएगा, ओर जाएगा पवना पाणी। 
कहे कबीर एक नाम न जाएगा, ये है अमर निसाणी।। 

That is why we should do something good,
try to connect love and harmony
with every human,and reduce the 
distance between each other.
इसीलिए हम कुछ अच्छा करें,
हर ईन्सान के साथ प्रेम ओर सदभाव को
प्रवाह करके जोड़ने का ओर एक दूसरे के बीच की
दुरी को कम करने का प्रयास करें।  

And this is what all the saints have done
and that is the message given by the Guru,
that is why it is said in this hymn in this way.
ओर यही काम सभी संतों ने किया है 
ओर वो है गुरु के द्वारा दिया गया संदेश, 
इसीलिए इस भजन में इस तरह से कहा है।

Without Guru turning a garland,
and donating without a guru.
Without Guru Everything failed,
read Ved Purana.
गुरु बिन माला फेरते, ओर गुरु बिन करते दान। 
गुरु बिन सब निष्फल गया, ओर बांचो वेद पुराण।। 

Who is greater than Rama Krishna,
he also did Guru.
They are rich in three worlds,
but subject to the Guru.
राम कृष्ण से कौन बड़ा, उन्होंने तो गुरु किन्ह। 
तीन लो का वे धनी, ओर गुरु आगे आधीन।। 

Our Guru's two arms,
and Govind's arm four.
84 Crore lifes were cut from Govind,
and the Guru descended.
हमारे गुरु की दो भुजा, ओर गोविन्द के भुज चार। 
चारी से चौरासी कटे, ओर गुरु उतारे पार।। 

The master has done the work of
bringing the inequalities to parity,
That is why it is said in this verse.
विषमताओं को समता में 
लाने का काम गुरु ने किया है,
इसीलिए इस पद में इस तरह से कहा है।

Without Guru,
Nobody comes to work(help)…
गुरु बिना,
कोई काम नी आवे...

Erased dynasty pride.
कुल अभिमान मिटावे है।

Erased dynasty pride... O Saint,
and Guru reached you to Satlok.
कुल अभिमान मिटावे... हो साधो,
सतलोक पहुंचावे है।

Without Guruji,
Nobody comes to work(help)…
गुरुजी बिना,
कोई काम नी आवे...

Whereas those who are bound
by the relationship of the world,
That is not going to work...
जबकि संसार के रिश्ते नाते से जो बंधे है,
वो काम आने वाले नहीं है ...

And who is the most 
closely related to it?
Sadguru Kabir has said about this...
ओर इसका सबसे ज्यादा
निकटता का सूत्र कोन है?
इसी बारे में सदगुरु कबीर ने कहा है...

Woman say, I will go with you,
The smoothie has cheated,
नारी कहे, मैं संग चलूँगी,
ठगनी ठग-ठग खाया है,

At the end, she has left Alone,
Do not have to support at all.
अंत समय मुख मोड़ चली है,
तनिक साथ नहीं देना है।(1)

Without Guru,
Nobody comes to work(help)…
गुरु बिना,
कोई काम नी आवे...

Erased dynasty pride.
कुल अभिमान मिटावे है।

Erased dynasty pride... O Saint,
and Guru reached you to Satlok.
कुल अभिमान मिटावे... हो साधो,
सतलोक पहुंचावे है।

Without Guruji,
Nobody comes to work(help)…
गुरुजी बिना,
कोई काम नी आवे...

Here, Wishful woman who lives 
with every human being at all times
यहाँ पर, इच्छारुपी नारी, जो हर
इंसान के साथ हर समय रहती है 

Which is the act of wandering
in many kinds of enjoyment desires.
जो अनेक प्रकार के विषय वासना
में भटकाने का कार्य करती है।

And the wealth of this world 
will also remain here
 That is why, Sadguru Kabir has said.
ओर भौतिक संसार की धन दौलत
 भी यहीं रह जाएगी
इसीलिए, सदगुरू कबीर ने कहा है। 

Little by little money added
Collected and built the palace.
कोड़ी-कोड़ी माया रे जोड़ी
जोड़ के महल बनाया है।

Carried you out in the end,
Could not live there.
अंत समय में थारे बाहर करीया,
वहाँ तो रह नहीं पाया है।(2)

Without Guru,
Nobody comes to work(help)…
गुरु बिना,
कोई काम नी आवे...

Erased dynasty pride.
कुल अभिमान मिटावे है।

Erased dynasty pride... O Saint,
and Guru reached you to Satlok.
कुल अभिमान मिटावे... हो साधो,
सतलोक पहुंचावे है।

Without Guruji,
Nobody comes to work(help)…
गुरुजी बिना,
कोई काम नी आवे...

So how much do we protect them
Don't know what to do to get them
We should do...
इसलिए हम इनकी कितनी हिफाजत करते हैं
इनको हासिल करने के लिए पता नहीं क्या-क्या करते हैं 
करना चाहिए...

Because material things are related to materiality,
yet every person is aware of how sad or painful it is,
so every person knows about it himself,
that's why he has also said this way
क्योंकि भौतिक चीजों का संबंध भौतिकता से होता है
फिर भी यह कितने दुखदाई है या सुखदाई हैं
इसका बौद्ध भी हर इंसान अपने आप में जानता है
इसीलिए आगे इस तरह से भी कहा है

Did so many Struggle to raise you,
and Loved him a lot.
जतन जतन कर तुझको रे पाला,
वाका लाड़ अनेक लड़ाया है। 

This wood is broken,
And have a long hand
तन की या लकड़ी तोड़ी लियो है,
लांबा हाथ लगाया है।(3)

Without Guru,
Nobody comes to work(help)…
गुरु बिना,
कोई काम नी आवे...

Erased dynasty pride.
कुल अभिमान मिटावे है।

Erased dynasty pride... O Saint,
and Guru reached you to Satlok.
कुल अभिमान मिटावे... हो साधो,
सतलोक पहुंचावे है।

Without Guruji,
Nobody comes to work(help)…
गुरुजी बिना,
कोई काम नी आवे...

How diligently,
How much protection do we 
protect our children with love.
हम कितने जतन, कितनी हिफाज़त,
कितनी सुरक्षा हमारे बच्चों की करते हैं.
ओर बहुत लाड़ लड़ाते है।

And stays in the Satyuga till then
it is okay, serves the parents
but from the Satyuga 
where Treta Yuga started in his life time
और सतयुग में रहता है तब तक तो ठीक है,
मां बाप की सेवा करता है
परंतु सतयुग से जहां उसके जीवन काल
में त्रेता युग प्रारंभ हुआ,

Then he is enticed to another place,
the third stage comes,
that is, he went from Treta to Dwapar,
after that he becomes something else.
फिर उसकी मोहमाया दूसरी जगह लग जाती है
तीसरी अवस्था आती है
अर्थात त्रेता से द्वापर में चला गया 
उसके बाद वह कुछ और ही हो जाता है

That is why, at least, when this
event of all four ages happens in human life,
so try to test it before
that is why it is said here in the last
इसीलिए हम कम से कम जब मानव जीवन के
अंतर में यह चारों युगों की घटना घटित होती है
इसलिए उससे पहले ही परखने का प्रयास करें 
इसीलिए यहां अंतिम में कहा है

Brother's, friend's and your family,
 Faith is tied  totally
भाई बंधु थारा कुटुंब कबीला,
धोके में जीव बंधाया है

Say Kabir, listen brother
True master has released the bond.
कहे कबीर सुनो भाई साधु
कोई सांचा गुरु बंध छुड़ाया है।(4)

Without Guru,
Nobody comes to work(help)…
गुरु बिना,
कोई काम नी आवे...

Erased dynasty pride.
कुल अभिमान मिटावे है।

Erased dynasty pride... O Saint,
and Guru reached you to Satlok.
कुल अभिमान मिटावे... हो साधो,
सतलोक पहुंचावे है।

Without Guruji,
Nobody comes to work(help)…
गुरुजी बिना,
कोई काम नी आवे...

Guru Ji Ka Mangal Ganva Ri गुरू जी का मंगल गांवा री
by Prahlad Singh ji Tipaniya 

Guru Sarika Dev Hamare Man Bhave गुरु सरीका देव हमारे मन भावे by Prahlad Singh ji Tipaniya
Tam Dekho Tamasha Ladka तम देखो तमाशा लड़का by Prahlad Singh ji Tipaniya 




Thursday, June 25, 2020

Satguru Dev Manaya सतगुरु देव मनाया by Prahlad Singh Ji Tipaniya



    एसे सच्चे सदगुरू के चरणों में जब इंसान चला जाता है जो गुरु के शब्दों को अपने अंतर में चिन्हित कर लेता है... जो सतगुरु को पूजा पाठ
 क़ुबूल होती है ओर उसके लिए बाहरी किसी प्रकार की गतिविधि करने की जरूरत नहीं है। ओर यही उसके मन को गुरु के शब्दों में रंगने की प्रक्रिया है। ओर इसी बात को अनेक जिज्ञासुओं ने
अपने-अपने तोर तरीके से कही है। क्योंकि वो परमात्मा, ईश्वर, अल्लाह, वाहेगुरु सब घट में बराबर स्थिति में मौजुद है। ओर उसको मनाने के लिए बाहरी गतिविधि के स्थान पर हम अपने अंतर में अपने मन को स्थापित करें...शुन्य की ओर टिकाने का प्रयास करें। इसिलिए इस शब्द में इस तरह से कहा है...
 
एजी कबीर सब घट आत्मा,ओर सिरजी सिरजनहार।
अरे राम कहे सो राम संग,ओर रहता ब्रह्म विचार।।

एजी सतगुरु आतम द्रष्टि है,ओर इन्द्रिय टिके न कोई।
अरे सतगुरु बिन सुझे नहीं, ओर खरा दुहेला होय।।

तो पूरा सतगुरु सेवता, ओर अंतर प्रगटे आय।
अरे मनसा, वाचा, कर्मणा, ओर मिटे जनम के ताप।।

सतगुरु देव मनाया...
कबीर भजन गायक-प्रह्लाद सिंह जी टिपानिया भजन अमृतवाणी 

अरे सतगुरु देव मनाया हो,
हमने गंगा गुरुदेव मनाया है...

अरे सतगुरु देव मनाया हो सईयाँ,
हमने सतगुरु देव मनाया है...

कैसे मनाएं...

अरे उगा भाण भला पीव आया,
आनंद उर में छाया है...

सतगुरु देव मनाया हो,
हमने गंगा गुरुदेव मनाया है...

सतगुरु देव मनाया हो सईयाँ,
सतगुरु देव मनाया है...

अरे चित का चोक पूराया हो,
गुरु का माण्डन माण्ड मण्डाया है...

अरे प्रेम मगन होई अनुभव जाग्या,
तो सत का पाट बिछाया है।(1)

अरे सतगुरु देव मनाया हो,
हमने गंगा गुरुदेव मनाया है...

सतगुरु देव मनाया हो सईयाँ,
सतगुरु देव मनाया है...

अरे उगा भाण भला पीव आया,
आनंद उर में छाया है...

अरे सतगुरु देव मनाया हो,
 सतगुरु देव मनाया है...

अरे सुरत सुहागन करे आरती,
गुरु गम ढोल बजाया है...

ए गगन मण्डल पर सेज पिया की,
सुरता पवन हिलाया है।(2)

अरे सतगुरु देव मनाया हो,
हमने गंगा गुरुदेव मनाया है...

सतगुरु देव मनाया हो सईयाँ,
सतगुरु देव मनाया है...

अरे उगा भाण भला पीव आया,
आनंद उर में छाया है...

अरे सतगुरु देव मनाया हो,
 सतगुरु देव मनाया है...

सुरत-नुरत मिलत पीव दरसे,
सिव में जीव समाया है...

है त्रिकुटी का रंगमहल में,
सतगुरु फाग रमाया है।(3)

अरे सतगुरु देव मनाया हो,
हमने गंगा गुरुदेव मनाया है...

अरे उगा भाण भला पीव आया,
आनंद उर में छाया है...

अरे सतगुरु देव मनाया हो,
 सतगुरु देव मनाया है...

अरे ज्वालापूरी गुरु समरथ दाता,
केवल पद दर्शाया है ...(4)

अरे मोहनपूरी स्वरुप समाधि,
आप में आप लखाया है ।

अरे सतगुरु देव मनाया हो,
हमने गंगा गुरुदेव मनाया है...

अरे उगा भाण भला पीव आया,
आनंद उर में छाया है...

अरे सतगुरु देव मनाया हो,
 सतगुरु देव मनाया है...